Kashmkash-E-Zindagi Shayari
तंग आ चुके हैं कश्मकश-ए-ज़िन्दगी से हम,
ठुकरा न दें जहान को को कहीं बे-दिली से हम।
– साहिर लुधियानवी
- Zindagi Shayari
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तंग आ चुके हैं कश्मकश-ए-ज़िन्दगी से हम,
ठुकरा न दें जहान को को कहीं बे-दिली से हम।
– साहिर लुधियानवी