Aahista Chal Zindagi Shayari
आहिस्ता चल ज़िन्दगी,
कई क़र्ज़ चुकाना बाकी है।
तेरी दौड़ भागते-भागते मैं थक गया हूं,
दम तो लेने दे,
कुछ दर्द मिटाना बाकी है।
मेरे अपने पीछे छूट गए,
कुछ फ़र्ज़ निभाना बाकी है…
- Zindagi Shayari
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आहिस्ता चल ज़िन्दगी,
कई क़र्ज़ चुकाना बाकी है।
तेरी दौड़ भागते-भागते मैं थक गया हूं,
दम तो लेने दे,
कुछ दर्द मिटाना बाकी है।
मेरे अपने पीछे छूट गए,
कुछ फ़र्ज़ निभाना बाकी है…