Manjil Bhi Uski Thi
मंजिल भी उसकी थी, रास्ता भी उसका था,
एक मैं ही अकेला था, बाकि सारा काफिला भी उसका था,
एक साथ चलने की सोच भी उसकी थी,
और बाद में रास्ता बदलने का फैसला भी उसी का था।
- Sad Shayari
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मंजिल भी उसकी थी, रास्ता भी उसका था,
एक मैं ही अकेला था, बाकि सारा काफिला भी उसका था,
एक साथ चलने की सोच भी उसकी थी,
और बाद में रास्ता बदलने का फैसला भी उसी का था।