Watan Shayari by Josh Malihabadi

हम ज़मीं को तेरी नापाक न होने देंगे,
तेरे दामन को कभी चाक न होने देंगे।

तुझ को जीते हैं तो ग़मनाक न होने देंगे,
ऐसी इक्सीर को यूँ ख़ाक न होने देंगे।

जी में ठानी है यही जी से गुज़र जायेंगे,
कम से कम वादा ये करते हैं के मर जायेंगे।

– जोश मलीहाबादी