Hindi Jokes
ठंड में आग तापने की दिक्कत
ठंड में कभी आग तापने बैठिए…
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धुंआ उधर ही आएगा,
जिधर आप बैठे हों!
पप्पू, दिल्ली
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दुनिया का सबसे बड़ा झूठ
दुनिया के सारे झूठ एक तरफ और…
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‘बारात हमारे निवास स्थान से शाम 4 बजे फलाना जगह के लिए रवाना होगी’
वाला झूठ एक तरफ!
संदीप, ग्रेटर नोएडा
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अपनी बीवी को खुश करना
अपनी बीवी को खुश करना दुनिया का सबसे मुश्किल काम है…
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अगर आप उसके लिए बैंक भी लूट लेंगे तो भी
वह कहेगी SBI लूटना था, PNB नहीं।
प्रवीण, कानपुर
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व्यंग्य: नए साल में रेजॉलूशन लेने के सबसे मजेदार टिप्स
ऋषि कटियार
नए साल के रेजॉलूशन कैसे लें? तो भाइयो और बहनो, एक बार फिर साल को वह मौसम आ गया है, जब आप रजाई में घुस के कुड़कुड़ाते और अलसाते हुए फोन पर अगले साल में मैराथन दौड़ने का रेजॉलूशन लेने वाले हैं। टीवी, दोस्त, फेसबुक, अख़बार पर लोग और एक्सपर्ट्स अगले कुछ दिन चरस बोते रहेंगे और आपको एक महान इंसान या इतिहास पुरुष/स्त्री बनाने में जान लगा देंगे।आप जोश-जोश में ढेर सारे रेजॉलूशन ले भी लेंगे, मगर कुछ ही दिनों में उनकी वैसे ही वाट लग जाएगी जैसी अब्दुल कलाम साहब के एक विकसित देश के विज़न 2020 की हमारे नेताओं ने लगाई है। मैं भी आपको नए साल पे कुछ रेजॉलूशन लेने के लिए कुछ टिप्स बता रहा हूं जिनसे आप एक महा पुरुष/स्त्री तो नहीं, पर इंसान बने रह सकते हैं।
1. रेजॉलूशन हमेशा हैसियत के हिसाब से लेने चाहिए। ऐसा नहीं कि आप कद्दू हैं, पर अगले साल तक ककड़ी होने का प्रण ले लें। इस प्रण में आपके प्राण चले जाएंगे पर होगा कुछ नहीं। आप ककड़ी, खीरा, भिंडी, मिर्ची कुछ भी हो सकते हैं, पर समय लगेगा। यह मत सोचिए कि अदनान सामी, आकाश अंबानी फटाफट कर सकते हैं तो आप भी कर लेंगे। भाई,आप अंबानी नहीं हो। आप के पास और भी काम हैं और सिर्फ यही करने बैठेंगे तो कुछ दिनों बाद भूखे मरने की नौबत आने पर वजन खुद-ब-खुद कम हो जाएगा।
इनर्शिया में मास का रोल बहुत बड़ा होता है। आप मोटे हैं इसलिए चल नहीं पाते हैं और आप चल नहीं पाते हैं क्योंकि आप मोटे हैं और इस टाइप से कॉज-इफेक्ट की साइकल बन जाती है। इस साइकल से आपको साइकल ही बचा सकती है। अकसर लोग एक या दो किलोमीटर दूर जिम भी शान से कार/बाइक पर वहां जाते हैं, फिर वहां ट्रेड मिल/पार्क में हिलने डुलने का नाटक करते हैं और संतुष्ट होकर लौट आते हैं। भाई मेरे, अगर उतने रास्ते आप पैदल/साइकल से चले जाओ तो वहां ड्रामा करने की जरूरत ही नहीं। मगर ऐसे कैसे, जिम के हमने पैसे दिए हैं। (वह भी सालभर की मेंबरशिप), इस बार उन पैसों से एक मस्त साइकल ले लो।
2. दौड़ने/डेली जिम जाने वाला प्रण या जिम की मेंबरशिप लेने वाले हैं तो अभी मत लें। यह अच्छा समय नहीं है, होरोस्कोप से नहीं एक्स्पीरियंस से बता रहा हूं। मस्त ठंडा मौसम है, रजाई के अंदर जन्नत है तो कोई बाहर मरने क्यों जाएगा। हो सकता है प्रण लेने के बाद आप एक दो हफ्ते चले भी जाएं, पर यह महीने भर भी नहीं चलने वाला। इससे अच्छा है अभी आप जनवरी-फरवरी घर पर ही, बेड पर ही योग (शवासन, प्राणायाम, अनुलोम-विलोम इत्यादि) करने का प्रण लें और फिर मार्च से बाहर दौड़ने/भागने वाला प्रोग्राम बनाएं। इससे आप फ्रस्ट्रेट नहीं होंगे और कुछ हो भी जाएगा। अगर फिर भीआपने रेजॉलूशन ले ही लिया है तो फ्रस्ट्रेट न हों, साल में एक दो बार घर घूम आएं। चाहे भले ही आपका पेट आपसे दो कदम आगे चलकर गवाही दे रहा हो, ममी लोग हमेशा रटा-रटाया डॉयलोग ही देंगी ‘बेटा, बहुत दुबले हो गए हो’, और आप फील गुड कर सकते हैं।
3. अगर आप लंबा सोचते हैं, बहुत लंबा। लॉन्ग-लॉन्ग टर्म, नेताओं जैसे विज़न 2030, 2040 तक विकसित देश होने, नेट जीडीपी 10 ट्रिलियन करने, एनर्जी सफीसिएंट इत्यादि टाइप। तो आपको नमन है। याद रखिए पचास सालों में यह हो जाएगा, 100 सालों में दुनिया पलट जाएगी टाइप बकैती करने वाले महान विचारक और सुधारक बोल के अपने पॉइंट बनाकर, महान बनकर निकल लिए, इस टाइप के गोल्स में कोई खतरा भी नहीं है, हुआ तो आप महान। नहीं तो कौन आपकी पूंछ पकड़ लेगा। आप तो ‘हुन आप्पा नी चलते हैंगे’ कह के निकल लिए होंगे। ‘डैडी फिंगर’ के ज़िराफ के जैसे आप ‘फार-फार वेरी फार, आई कैन सी ए डाइनोसोर’, जैसे नहीं देख सकते। अगर आपकी आंखों का और रेजॉलूशन का विज़न 20-20 है, तो बस इतना ही बहुत है।
4. (अपने) बॉस और बीवी पर ध्यान केंद्रित करें, ये ऐसी चीजें जो आप बदल नहीं सकते, (कम से कम आसानी से तो नहीं) तो रोने गाने का फायदा नहीं। बस इतना करें कि इन्हें आपस में मिक्स न करें। मतलब बीवी का समय बॉस को और बॉस का समय बीवी को न दें। याद रखें, इस दुनिया, आपकी कंपनी के सिर्फ आप अकेले तारणहार नहीं हैं, तो जान देने की जरूरत नहीं है। आप अगर जान दे भी देंगे, तब भी आपके कॉफिन में प्लेस होने से पहले आपके केबिन में किसी और को रिप्लेस कर दिया जाएगा। तो अपने आपको को ज्यादा भाव देने की जरूरत नहीं। बस इतनी सी बात को हमेशा ज़ेहन में हमेशा रखें। समझो एक खुशहाल जीवन जीने की कृपा (कृपा भाभी/कृपाशंकर भैया) वहीं रुकी/रुके हैं।
5. अगर आप कुछ करने की सोच रहे हैं, जो भी सोच रहे हैं उसका ढिंढोरा पीट दें। ताकि अगर आप वह न पा सकें, तो दोस्त लोग आपकी बेइज्जती कर-कर के आपको याद दिलाते रहें। याद रखें, अगर आप दिल से कुछ चाहें तो भले ही पूरी कायनात आपको मिलाने की साजिश करे न करे, पर फेल होने पर आपके दोस्त, पड़ोसी आपकी इज्जत उतारने की साजिश जरूर करेंगे। और इस तरह से या तो आप मोटिवेट हो जाएंगे या फिर ऐसे लोगों से पीछा छुड़ा लेंगे। दोनों ही विन-विन टाइप केस हैं।
बाकी के 5 पॉइंट अगले लेख में…
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साइकल चलाने के तीन चरण
आजकल 12 साल के बच्चे भी बाइक लेकर घूम रहे हैं…
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हमने तो साइकल भी
तीन चरणों में सीखी थी।
1. कैंची 2. डंडा 3. गद्दी
विक्रम, जोधपुर
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जिंदगी के लिए मजेदार सबक
जिंदगी में जब आपको कोई रास्ता ना दिखे, कोई मंजिल ना दिखे, कोई अपना ना दिखे…
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तो मेरे साथ आना। हम दोनों मिलकर
Eye Specialist के पास चलेंगे।
विष्णु, घोंडा
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प्यार में पप्पू को पड़ी मार
अरे मुझसे प्यार ना था तो बता ही देती पगली….
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पंचायत भवन के पीछे बुलाकर
पिटवाने का क्या मतलब था?
पप्पू, रायपुर
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होटल में मैथ्स के टीचर
एक होटल में मास्टरजी खाली कटोरी में रोटी डुबोकर खा रहे थे। मास्टरजी से सवाल पूछने पर ऐसा क्या हुई कि वेटर बेहोश हो गया।
वेटर: आप खाली कटोरी में कैसे खा रहे हैं?
मास्टरजी: भइया, मैं मैथ्स का टीचर हूं इसलिए दाल को ‘मान लिया’ है।
जवाब सुनकर वेटर बेहोश
वैभव, प्रतापगढ़
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पत्नी को फेंकना चाहता है पाकिस्तान
पत्नी तैयार होकर अपने पति से पूछती है: कैसी लग रही हूं?
पति : कसम से दिल तो कर रहा है कि तुम्हें पाकिस्तान फेंक आऊं
गुस्से में पत्नी : क्या मतलब?
पति : बम लग रही हो बम
गौरव, सीतापुर
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पेन और बैंक का मजेदार संबंध
पहले मैं पेन लेकर बैंक जाता था और
बिना पेन के वापस आता था…
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अब मैं बिना पेन के बैंक जाता हूं और वापस पेन लेकर आता हूं।
पप्पू, दिल्ली
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