अभी सांस लेने की फुर्सत नहीं

अभी सांस लेने की फुर्सत नहीं है कि तुम मेरी बाहों में हो…
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इस कविता में कवि कह रहा है कि
माशूका वजन में बहुत भारी है।

स्वप्नल, नोएडा