Dard Bhari Shayari on Dost
मेरे हम-नफ़स मेरे हम-नवा मुझे दोस्त बन के दग़ा न दे,
मैं हूँ दर्द-ए-इश्क़ से जान-बा-लब मुझे ज़िन्दगी की दुआ न दे।
– सकील बदायुनी
- Dosti Shayari
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मेरे हम-नफ़स मेरे हम-नवा मुझे दोस्त बन के दग़ा न दे,
मैं हूँ दर्द-ए-इश्क़ से जान-बा-लब मुझे ज़िन्दगी की दुआ न दे।
– सकील बदायुनी